नई दिल्ली. भारतीय सेना को अत्यधिक ठंड के मौसम में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विशेष तरह के कपड़े की प्रणाली तैयार की है. समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा, डीआरडीओ ने 5 भारतीय कंपनियों को अत्यधिक ठंड के मौसम के कपड़े प्रणाली (ECWCS) की तकनीक सौंपी. 3-लेयर्ड ECWCS +15° से -50°C के बीच थर्मल इंसुलेशन प्रदान करता है. ग्लेशियर और हिमालय की चोटियों में निरंतर संचालन के लिए भारतीय सेना द्वारा ईसीडब्ल्यूएस की जरूरत है.”
एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोदिंग सिस्टम (ECWCS) को डीआरडीओ के अंतर्गत आने वाले डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज (DIPAS) द्वारा डिजाइन किया गया है. इस तकनीक से सेना के उन जवानों को काफी मदद मिलेगी, जिनकी तैनाती लद्दाख, सिक्किम, कश्मीर जैसे ठंडे स्थानों पर होती है.
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ये पहली बार नहीं है कि डीआरडीओ ने सेना के लिए इस तरह की कोई तकनीक विकसित की है. समय-समय पर वह स्वदेशी हथियार, मिसाइल और अन्य घातक हथियारों का परीक्षण करती रहती है. इससे पहले बीते 23 दिसंबर को डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर तट पर से स्वदेशी रूप से विकसित उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यभेदी ‘अभ्यास’ का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था.
डीआरडीओ के बयान में कहा गया, ”उड़ान परीक्षण के दौरान, उच्च स्थिरता के साथ बहुत कम ऊंचाई पर उच्च सबसोनिक गति प्रक्षेपक का प्रदर्शन किया गया.” बयान में कहा गया, ”बेंगलुरु स्थित इंडस्ट्री द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी डेटा लिंक को उड़ान के दौरान सफलतापूर्वक उड़ाया गया और परीक्षण किया गया.”
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