न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: रवींद्र भजनी
Updated Tue, 18 Jan 2022 02:40 PM IST
सार
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने तय किया है कि प्रदेश में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 2 से 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही आबकारी नीति में बदलाव होगा। महुए से बनी शराब मप्र में टैक्स फ्री होगी।

शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी। पति, सास-ससुर, देवर-ननद अगर किसी महिला को प्रताड़ित करते हैं और हिंसा में 40% की क्षति होती है तो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे अधिक क्षति होने पर 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही अदालत में प्रकरण के दौरान आने-जाने पर होने वाला खर्च और इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घरेलू हिंसा के मामले में महिला को आवेदन कलेक्टर को देना होगा। इस मामले में सीएमएचओ, महिला बाल विकास अधिकारी और पुलिस मिलकर काम करेगी और महिला को हक दिलाने के लिए प्रयास करेगी। अब तक की योजना में दोष साबित होने पर ही महिला को आर्थिक सहायता दी जाती है। नए नियमों के तहत इसकी अनिवार्यता खत्म हो गई है।
छोटे समूहों में दिए जाएंगे शराब ठेके
आबकारी नीति के तहत भी कुछ निर्णय लिए गए हैं। तय हुआ है कि छोटे समूहों को शराब ठेके दिए जाएंगे। महुए से बनी शराब को प्रदेश के 89 विकासखंडों में टैक्स फ्री किया जाएगा। अब दो से पांच दुकानों के ग्रुप बनाकर शराब दुकानों के ठेके दिए जाएंगे। एक ग्रुप में अधिकतम पांच दुकानें होंगी।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजाति कल्याण विभाग किया गया है।
- सामान्य वर्ग कल्याण आयोग का कार्यकाल दो साल बढ़ाने का फैसला किया गया है।
- सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को भर्ती परीक्षाओं में 5 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे। इसका लाभ 55 वर्ष आयु तक मिलेगा।
- नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर बने दुकानों, मकानों के पट्टे दिए जाएंगे। इसके लिए लीज की राशि तय की गई है। रहवासी लोन भी ले सकेंगे।
- स्वास्थ्य विभाग के 25% विशेषज्ञ पदों की सीधी भर्ती को मंजूरी दी गई थी। शेष 75% पदों की पूर्ति के लिए कार्यवाही पर भी निर्णय लिया गया है।