वहीं एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन वैरिएंट का उपवंश BA.1 तेजी से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में यह डेल्टा वैरिएंट की जगह लेता दिख रहा है। इस बारे में सभी लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट का उपवंश BA.1
डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोम कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) ने एक रिपोर्ट में बताया कि ओमिक्रॉन के सब-लीनिएज BA.1 के मामले
तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं, यह तेजी से डेल्टा को रिप्लेस कर रहा है। अध्ययनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के तीन उपवंश (BA.1, BA.2,BA.3) के बारे में पता चला है। देश के कुछ राज्यों में संक्रमितों की टेस्टिंग में BA.1 के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।
BA.1 उप-वंश के मामले सबसे अधिक
आईएनएसएसीओजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि सैंपलों के परीक्षण के दौरान हमें ज्यादातर नमूनों में ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन से ज्यादा BA.1 उप-वंश की उपस्थिति देखने को मिल रही है।
चूंकि उप-वंश एक ही वायरस परिवार से संबंधित होते हैं, इसलिए सैंपल टेस्टिंग के दौरान सभी को ओमिक्रॉन पॉजिटिव ही मान लिया जाता है। इस स्ट्रेन की प्रकृति को जानने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं, फिलहाल ओमिक्रॉन के तीन उपवंशों में सबसे ज्यादा BA.1 के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि संभवत: इसकी संक्रामता दर अन्य की तुलना में और अधिक हो सकती है।
क्या आरटीपीसीआर टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि नए वैरिएंट्स और स्ट्रोनों का पता लगाने में भी व्यापक रूप से प्रयोग में लाए जा रहे आरटी-पीसीआर परीक्षण सफल साबित हो रहे हैं। आरटी-पीसीआर परीक्षण या एंटीजन किट से संक्रमण के मामलों का पता लगाया जा सकता है। हालांकि कुछ साक्ष्य यह बताते हैं कि BA.2 जैसे उप-वंश का पता लगाने में आरटी-पीसीआर परीक्षण की विश्वसनीयता पर अभी सवालिया निशान है।
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ओमिक्रॉन के जीनोमिक सीक्वेंस में 99 प्रतिशत BA.1 सब लीनिएज ही हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट पहले ही सबसे अधिक संक्रामक माना जा रहा है ऐसे में इसके BA.1 उप-वंश के बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों से लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की सलाह दी है, ताकि कोरोना के इस तेजी से बढ़ते प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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